किसान महापंचायत में उठी इंद्रपुरी जलाशय निर्माण की मांग
कृपा नारायण सिंह
इन्द्रपुरी जलाशय निर्माण एवं सोन नहर आधुनिकीकरण किसान संघर्ष समिति के बैनर तले 11नवम्बर को पटना जिला के पालीगंज में कृषि भवन मैदान में "किसान महापंचायत "का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता संघर्ष समिति के संयोजक डा.श्याम नंदन शर्मा एवं संचालन इंसाफ मंच के राज्य सचिव व माले नेता का.अनवर हुसैन ने की।
शुरुआत का.निर्मोही द्वारा किसान गीत गाकर हुआ। मुख्य वक्ता के बतौर अ.भा.किसान महासभा के महासचिव एवं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार प्रभारी का0राजाराम सिंह ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि अपने पुरखों के संघर्षों की बदौलत हासिल एसिया की सबसे बड़ी एवं पुरानी सोन नहर सिंचाई परियोजना सरकारी उपेक्षा के कारण यह प्रणाली समाप्त होने के कगार पर है। अपराधिक लापरवाहिक का आलम यह है कि 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कदवन डैम निर्माण का शिलान्यास किया था, किन्तु आज तक किसी भी सरकार ने उसे पूरा करने की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढाया।
फलस्वरूप प्रतिवर्ष सोन नदी से लाखों क्यूसेक पानी यो हीं बह जाता है और इधर पानी के अभाव में किसान सूखे की मार झेलने को अभिसप्त है। आज की वर्तमान स्थिति माँग कर रही है कि म.प्र.के रिहंद व उ.प्र.के बाणसागर की तरह बिहार की सोन नदी में भी एक अपना डैम हो, ताकि सोन नहर को सालों पर्याप्त पानी मिल सके। उन्होंने कदवन डैम का निर्माण स्थल को बिल्कुल उपयुक्त जगह बताते हुए उसके निर्माण के लिए आन्दोलन में शामिल होने का आह्वान किया।
अ.भा.किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का.शिव सागर शर्मा ने कहा कि सहजानंद सरस्वती ने किसानों को ही भगवान माना और कहा था कि वह नि:स्वार्थ भाव से समाज व देश के लिए समर्पण भाव से काम करता है। आगे कहा कि यह सिचाई का संकट हल भी हो जाय, तो भी किसानों का संकट खत्म नहीं होगा। यह तभी संभव है जब किसानों को उनके फसल लागत का डेढ़ गुणा दाम के साथ सरकार सम्पूर्ण फसल खरीद की गारंटी करे।
राज्याध्यक्ष का.बिशेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि कदवन डैम का निर्माण के लिए पालीगंज सहित सोन कमांड के आठों जिलों में जारी आन्दोलन के साथ किसान महासभा एकजुटता जाहिर करती है, क्योंकि बाढ सुखाड़ की तबाही झेलने वाले सम्पूर्ण बिहार को भोजन देने की क्षमता यह आठ जिला रखता है। इसलिए किसान महासभा ने इन्द्रपुरी जलाशय व सोन नहर का आधुनिकीकरण व निचली छोर तक पानी पहुंचाने के सवाल पर 14 नवम्बर को बिहार के हर जिला मुख्यालय पर एवं 25 फरवरी को बिहार विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने उपस्थित तमाम किसानों को उसमें शामिल होने का आह्वान किया।
जिला सचिव कृपा नारायण सिंह ने अपने संबोधन में सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि 14 वर्षों से लगातार नीतीश मोदी की सरकार रही। कृषि रोडमैप सहित कई किसान हितैषी योजनाएं घोषित कर रखी है, बावजूद किसानों को कोई खास फायदा नहीं हुआ। बलात्कार, हत्या, लूट चरम पर है। उन्होंने माँग उठाई कि तेलंगाना-उडीसा के तर्ज पर बिहार के किसानों को भी खेती के पूर्व 20000रू प्रति एकड़ के हिसाब से खाता में कृषि इनपुट सब्सिडी दिया जाय। नीजी नलकूप के लिए कुल लागत का 50%सब्सिडी, नि:शुल्क बिजली, सोन बराज की उडाही, कदवन डैम का निर्माण, सोन नहर का आधुनिकीकरण किया जाय और 60+उम्र के किसानों को 5000रू प्रति माह बृद्धापेशन दिया जाय। इससे किसानों की क्रयशक्ति बढेगी और देश की आर्थिक मंदी भी दूर होगी।
खेग्रामस के राष्ट्रीय सम्मानित अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद ने जोर देकर कहा कि किसानों-बंटाईदारों-ग्रामीण गरीबों-मेहनतकश महिलाओं का मोर्चा बनना शुरू हो गया है। सब को दलिय भावना से हटकर अपने सवालों को राजनीति के केंद्र में लाना होगा। सरकार को बाध्य करना होगा।
महापंचायत को माकपा, फारवर्ड ब्लाक के किसान नेता सहित अनेकों स्थानीय जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवियों ने भी संबोधित किया और एकता पर जोड़ दिया। किसान श्री बाल्मीकि सिंह ने तमाम लोगों का स्वागत किया। का0अनवर ने आन्दोलन से जुड़े 10-सूत्री प्रस्ताव को रखा।
अंत में का.सुरेन्द्र यादव के निधन पर दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि दी गई।