मोदी सरकार की उपेक्षा के खिलाफ किसान बड़ा अभियान छेड़ेगे - एआईकेएससीस
16 को देशव्यापी स्तर पर किसानों को बधाई दी जाएगी व 27 मई को विरोध कार्यक्रम*
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने आज कांफ्रेंस काल के माध्यम से अपनी बैठक की और केन्द्र सरकार के देशव्यापी अनियोजित व विवेकहीन लाॅकडाउन से किसानों, खेत मजदूरों तथा प्रवासी मजदूरों द्वारा सामना किये जा रहे संकट को कम न करने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।
औरंगाबाद में ट्रेन के नीचे आकर मारे गये 16 मजदूरों, उन हजारों प्रवासी मजदूरों जो अपने घरों के लिए पैदल निकल लिये थे और रास्ते में मर गये तथा विशाखापट्टनम में एलजी सिंथेटिक्स के कारखाने से जहरीली गैस की प्रवाह से हुई मौतों में मरने वालों को श्रद्धांजलि दी। वर्किंग ग्रुप ने समझा कि किसान देशभक्त खाद्यान्न योद्धा हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों व बाधाओं के बावजूद कोरोना संकट से मुकाबला करते हुए लोगों के खाने को सुरक्षित किया है। परन्तु केन्द्र व राज्य सरकारों ने इस बात को कोई सम्मान नहीं दिया है। वर्किंग ग्रुप ने तय किया कि वह किसान जनता के सामने खड़े ज्वलन्त सवालों पर 16 मई 2020 को सुबह 9 बजे किसानों को बधाई देने व सम्मानित कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित कराएगी।
एआईकेएससीसी ने अपनी मुख्य मांग सभी किसानों व खेत मजदूरों की सम्पूर्ण कर्जमुक्ति को दोहराते हुए कहा है कि सरकार को सभी किसानों के पुराने केसीसी कर्ज माफ कर देने चाहिए और फसल बुआई के लिए नए केसीसी कर्ज तुरंत जारी करना चाहिए। इस सच्चाई के दृष्टिगत कि हाल ही में सरकार ने मित्र कारपोरेटों के 68,607 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये हैं, यह करना उसके लिए आसान होना चाहिए। सरकार को अपने अतिरिक्त खर्च को अति धनी लोगों पर टैक्स लगाकर और विदेशों में जमा कालाधन को वापस लाकर पूरा करना चहिए।
वर्किंग ग्रुप ने यह मांग भी उठाई कि डीजल के दाम घटाकर 22 रुपए लीटर किये जाएं, क्योंकि कच्चे तेल के दाम में तेज गिरावट के बाद हवाई विमान के पेट्रोल एटीएफ के दाम 22.54 रु0 प्रति लीटर कर दिये हैं। उसने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह खाद्यान्न सामग्री की सरकारी खरीद बढ़ाकर सभी लोगों को खाना देने के लिए आपूर्ति बढ़ाए, मनरेगा में काम बढ़ाकर सबको रोजगार दे और यह सुनिश्चित करे कि सभी प्रवासी मजदूर बिना खर्च किये घर लौट सकें और उन्हें खाना, काम तथा पूरा वेतन भुगतान किया जाए।
देश में करीब 20 करोड़ प्रवासी मजदूर गांव लौट रहे हैं और उनकी जरूरतें गांव में ही पूरी होनी हैं। अतः वर्किंग ग्रुप ने अपने सभी सदस्यों तथा किसान संगठनों से अपील की है कि वह 27 मई 2020 को किसानों की सभी मांगों पर, जिन्हें सरकारें नजरंदाज कर रही हैं, बड़े अभियान के साथ विरोध संगठित करना चाहिए। इन मांगों में फसल को हुए नुकसान तथा न बिकी तथा सड़ गयी फसल का पूरा मुआवजा, प्रति परिवार 10,000 रुपये प्रतिमाह का कोविड मुआवजा, पीएम किसान सहयोग को 18,000 रु0 किया जाना, मुफ्त बीज व खाद दिया जाना, सभी फसलों का, सब्जी, फल, दूध, अंडे व शहद समेत सी-2 $ 50फीसदी के दर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होना तथा सरकारी खरीद की गारंटी होना, सभी बटाईदार किसानों को उचित व बराबर मुआवजा दिया जाना तथा सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होना, आदि शमिल हैं।
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एआईकेएससीसी
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