चीन का तीन सेक्टरों के कई हिस्सों पर कब्जा बरकरार
इस बार पीएलए के सैनिक रक्षा चौकियां स्थापित कर रहे थे। बंकर बनाने की तैयारी कर रहे थे और उसके साथ ही और अपने घुसपैठियों को पीछे (हालांकि यह उनके ही क्षेत्र में था) से मदद देने के लिए तोपों को भी तैनात कर दिए थे। लद्दाख में पीएलए की घुसपैठ कोई स्थानीय घटना नहीं लगती है। यह 2000 किमी के पूरे उस मोर्चे का ही हिस्सा है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पीएलए के अलग-अलग ब्रिगेड और डिवीजनों की है। यह बताता है कि पूरे मामले का सैन्य और राजनीति के उच्च स्तर पर केंद्रीयकृत समन्वय किया जा रहा है।
(रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) अजय शुक्ला का यह लेख बिजनस स्टैंडर्ड में मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ था जिसका जनचौक में छपा हिंदी अनुवाद दिया जा रहा है।)