न्याय और मुआवजे के लिए भटकते दिल्ली दंगों के सबसे गरीब पीड़ितों की मदद में जुटा भाकपा (माले)
रवि राय
ज्यादातर लोंगों को मुआवजा मिला भी नहीं है, और कुछ मिला भी है तो शुरू में जो मिला उसके बाद अगली कोई किश्त नही आई. मकान मालिकों को थोड़ा मुआवजा मिला भी पर उसमें रह रहे किरायदारों को कुछ भी नहीं मिला . जले हुए मकानों में ही कुछ लोग अपनी दुनिया फिर से आबाद करने की कोशिश कर रहे हैं .
आईये हाथ बढ़ाएं हम भी! क्योंकि सब याद रक्खा जाएगा !
"किस ने बसाया था उनको और किस ने यूँ बर्बाद किया,
अपने लहू की बू आती है इन उजड़े बाज़ारों से"