महाराष्ट्र में दूध की कीमतों में बृद्धि की मांग पर किसान आंदोलित जुलाई 21, 2020 • Delhi महाराष्ट्र में दूध की कीमतों में बृद्धि की मांग पर किसान आंदोलित कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में दूध उत्पादकों का प्रदर्शन जारी है. स्वाभिमानी शेतकरी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहा है. संगठन ने महाराष्ट्र के हिंगोल में दूध के टैंकर को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने टायर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई तो वहीं परभणी के औंढ़ा इलाके में ट्रक को जबरन रुकवाकर आंदोलन किया. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की ओर से दूध उत्पादक किसानों को दूध और दूध पाउडर के लिए ज्यादा कीमत दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया गया था। आज दूध लेकर नहीं जाएंगे किसान स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने आजतक को बताया के मंगलवार के दिन पूरे महाराष्ट्र के दूध उत्पादक किसान अपनी गाय-भैंस का दूध, कलेक्शन सेंटर पर नहीं पहुंचाएंगे. राज्य में रोजाना गाय का 1 करोड़ 19 लाख लीटर संकलन होता है जबकि भैंस का 11 लाख लीटर दूध संकलन होता है. उन्होंने कहा कि आज गाय के दूध के लिए किसानों को 21 रुपये प्रति लीटर दिया जा रहा है लेकिन अब किसानों को प्रति लीटर 10 रुपये बढ़ाकर देने की मांग की जा रही है. इस संबंध में मंगलवार दोपहर को राज्य सरकार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक होनी है. दूध उत्पादक किसानों के लिए राजू शेट्टी की चार मांगें है- पहला, प्रति लीटर 10 रुपये की बढ़ोतरी, दूसरा, केंद्र सरकार से मांग है कि 10 हजार टन दूध पाउडर आयात करने निर्णय का तुरंत रद्द किया जाए. तीसरा, दूध पाउडर निर्यात करने के लिए केंद्र सरकार किसान को प्रति किलो 30 रुपये इंसेंटिव्स दे. चौथा, दूध से बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी खत्म की जाए. दूध व्यवसाय से जुड़े जानकारों के मुताबिक, जनवरी 2020 तक देश में दूध और दूध पाउडर की कमी थी. डेयरी उस समय किसानों से 35 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध खरीद रही थी. इसलिए आयात करने का निर्णय हुआ और मदर डेयरी ने इसके लिए सरकार से अनुमति मांगी थी और उसे इजाजत मिल भी गई थी. लॉकडाउन से हुई दिक्कत लेकिन इस बीच कोरोना महामारी की वजह से देश लॉकडाउन में चला गया और ज्यादातर दूध किसानों के पास ही रहने लगा क्योंकि खपत ही कम हो गई. आज गाय के दूध का भाव 19 से 25 प्रति लीटर भाव है जबकि भैंस के दूध की कीमत 39 रुपये प्रति लीटर किसान को मिल रही है. मांग की जा रही है कि दूध पाउडर निर्यात करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर दूध उत्पादकों को 50 रुपये प्रति किलो कर देना चाहिए. राज्य में पिछली सरकार ने निर्यात करने के लिए दूध उत्पादकों को 50 रुपये प्रति किलो देने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया. (आजतक से साभार)