दिल्ली में ट्रेड यूनियनों के ऊपर हुए ‘FIR’ का राज्यव्यापी विरोध
अभिषेक ऐक्टू ने दिल्ली के विभिन्न मजदूर-इलाकों में किया ट्रेड यूनियनों के ऊपर हुए ‘FIR’ का किया विरोध दिल्ली आशा कामगार यूनियन ने भी किया डिस्पेंसरी के बाहर विरोध प्रदर्शन एक्टू ने 17 अगस्त को दिल्ली के सरूप नगर, संत नगर, वजीरपुर, ओखला, संगम विहार, पालम, साधनगर, झिलमिल कॉलोनी, शाहदरा, समेत अन्य इलाकों में दिल्ली पुलिस द्वारा ट्रेड यूनियनों व आशा कर्मियों के ऊपर किए गए प्राथमिकी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
मोदी सरकार के आने के बाद से ही मजदूर अधिकारों पर हमले तेज़ी से बढ़े हैं. पिछले दिनों हुए देशव्यापी प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में भी पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर मजदूरों की आवाज़ दबाने की भरपूर कोशिश की गई है. 9 अगस्त 2020 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों व फेडरेशनों द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करने व निजीकरण को बढ़ावा देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा ‘Twitter’ पर ट्रेड यूनियन संगठनों व आशा कार्यकर्ताओं पर ‘FIR’ की जानकारी दी गई. आज के प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस द्वारा केंद्र सरकार के इशारे पर किए गए ‘FIR’ की भर्त्सना की गई और मजदूरों द्वारा ये संकल्प लिया गया कि किसी भी शर्त पर मजदूर-अधिकारों पर हमला नहीं सहा जाएगा।ऐक्टू से सम्बद्ध ‘दिल्ली आशा कामगार यूनियन’ ने आज आशा कर्मियों के ऊपर किए गए ‘FIR’ को लेकर अपना विरोध प्रकट किया. प्रदर्शन में शामिल दिल्ली आशा कामगार यूनियन की अध्यक्ष श्वेता राज ने बताया कि एक तरफ तो राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ‘फ्रंटलाइन वर्कर्स’ के काम की दुहाई देते नहीं थक रहे, वही दूसरी ओर उनकी वाजिब मांगों को मानने की जगह उनपर ‘FIR’ करवा रहे हैं.