जरूरत मन्दों को पौष्टिक भोजन देने के लिए केरल मॉडल लागू करो

*अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति*


_*प्रेसनोट-प्रकाशनार्थ*_ दिनांक 6 /अगस्त/2020


*सरकार जनवितरण प्रणाली को ध्वस्त करना चाहती है*


*भोजन का अधिकार लागू करो- सभी जरूरतमंदों के पोष्टिक राशन की व्यवस्था करो*


*केरल मॉडल को देश भर में लागू किया जाए*


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ऑनलाइन फेसबुक लाईव कार्यक्रम के आठवें दिन " सभी जरूरतमंदो को राशन दो" विषय पर चर्चा हुई। महाराष्ट्र से लोक संघर्ष मोर्चा की अध्यक्ष एवम वर्किंग ग्रुप की सदस्या प्रतिभा शिंदे ने कहा कि खेती करने वाला किसान के साथ-साथ मजदूर, मछुआरे, जंगल से वनोपज इकट्ठा करने वाले लोग भी है ,जो किसान है । हम उनके लिए संघर्ष कर रहे है।


उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में अनाज विदेशों से आयात किया जाता है इससे स्थानीय अनाज की खरीद प्रभावित होती है। देश के किसानों के अनाज से राशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। विधवा महिलाओं के लिए सरकार ने सस्ते अनाज की योजना बनाई है लेकिन उसकी प्रक्रिया में ही 8 से 9 माह लग जाते हैं । उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय किसानों के भंडारण खत्म हो जाते हैं ऐसी स्थिति में सभी किसानों को भी मुफ्त राशन दिया जाना चाहिए।


फेस बुक लाइव कार्यक्रम में बोलते हुए उड़ीसा से लोक शक्ति अभियान के ग्रीन नोबेल पुरस्कार विजेता प्रफुल्ल सामंत्रा ने कहा कि उड़ीसा में 10लाख राशन कार्ड है और उससे कहीं अधिक परिवारों को राशन नहीं मिलता है उन्होंने बताया कि ( राइट टू फूड ) भोजन के अधिकार के तहत सभी को राशन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसको लेकर उन्होंने उड़ीसा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है ।


बिहार से बोलते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने कहा कि बिहार में 35-40 लाख मजदूर लौटे है केंद्र सरकार ने उन्हें मुफ्त अनाज देने का आश्वासन दिया था। लेकिन उन्हें मुफ्त अनाज नहीं दिया गया। बाढ़ से 14 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राशन की दुकान पर फिंगर प्रिंट मशीन में फिंगर मिलान नहीं होने पर कई लोग राशन से वंचित रह जाते हैं। हर एक परिवार की राशन की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।


उन्होंने मांग की है कि सभी को 15 किलो सुखा राशन 3 किलो तेल 3 किलो दाल और चना दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन से किसानों को लेकर 40,000रू प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन के समय लौटे लोगों के सामने आज बेरोजगारी मुख्य समस्या है उन्हें 7000रू प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन के समय अपने घर लौटते समय मृत लोगों के परिवार को 20लाख मुआवजा देने की मांग भी उन्होंने की।


मध्यप्रदेश से वर्किंग ग्रुप के सदस्य पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी जनवितरण प्रणाली को ध्वस्त करना चाहती है।एफ सी आई को भी बन्द करने के फिराक में है। गरीबी रेखा के राशन कार्ड जिनके पहले से बने हुए हैं देश भर में बड़े पैमाने पर गरीबी रेखा से नाम काट दिए जाने पर उन्हें राशन मिलना बंद हो गया है। कोरोना काल में राशन कार्ड हो या ना हो सभी को राशन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहले गरीबी रेखा में आने वाले परिवारों को मध्यप्रदेश मे शक्कर और 5 लीटर केरोसिन तेल दिया जाता था अब केवल डेढ़ लीटर केरोसिन ही दिया जा रहा है और शक्कर देना बंद कर दिया गया है ।


डॉ सुनीलम ने कहा कि जिस तरह केरल में अनाज के साथ साथ खाने का तेल ,दाल ,मसाले, साबुन इत्यादि दिया जाता है,इस मॉडल को पूरे देश मे अपनाने की जरूरत है। उसके साथ साथ देश भर में गरीबों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की दृष्टि से दुग्ध पदार्थ और सब्जियां उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि जरूरतमंदों को पौष्टिक राशन मिल सके तथा किसानों की सब्जी और दूध की खपत से आय बढ़ सके।


कल एआईकेएससीसी के फेस बुक पेज पर" कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने और वन अधिकार कानून लागू करने के विषय पर फेस बुक लाइव को कार्यक्रम 11 बजे से 1 बजे तक देखा जा सकेगा। जिसे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के संयोजक वी एम सिंह एवम प्रख्यात नेता हन्नान मुल्ला मेधा पाटकर प्रफुल सामंत रा ,राजा राम सिंह,रोमा , प्रतिभा शिंदे ,उमेश तिवारी, पुरुषोत्तम शर्मा,आराधना भार्गव संबोधित करेंगे ।


डॉ सुनीलम द्वारा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति