*53 वाँ दिन, 16 जनवरी 2021*
एनआईए के जरिये किसान आंदोलन को दबाने की कड़ी निंदा
सरकार साथ वार्ता के दौरान भी NIA द्वारा आंदोलनकारियों को भेजे जा रहे नोटिसों के बारे में शिकायत की गई थी। मंत्रियो ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद आज भी आंदोलनकारियों को नोटिस मिलना सरकार की बेशर्मी बताता है। सयुंक्त किसान मोर्चा इन नोटिसों की निंदा करता है। आगामी दिनों में इन नोटिसों की प्रतिक्रिया स्वरूप कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
लोक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में महाराष्ट्र और गुजरात के आदिवासी इलाकों से लगभग एक हजार किसान, जिनमे ज्यादातर महिलाएं है, दिल्ली पहुंचेंगी।
इसके अलावा, हुसैनीवाला (फिरोजपुर, पंजाब - भगत सिंह के शहीदी स्थल) से AIDSO के नेतृत्व में एक बाइक रैली कल दिल्ली के लिए रवाना हुई, जिसमें 12 राज्यों के छात्र भाग ले रहे हैं।
"किसान अलाइंस मोर्चा" द्वारा मरीन लाइन्स से आज़ाद मैदान तक एक विशाल रैली और जनसभा "भव्य किसान मोर्चा" / "मुंबई विद फार्मर्स" का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग हज़ारों नागरिकों ने भाग लिया।
संघर्ष और एकजुटता की एक अनूठी प्रदर्शनी में, महाराष्ट्र और गुजरात के युवा किसान एनएपीएम द्वारा आयोजित "किसान ज्योति यात्रा" में दिल्ली की ओर पैदल यात्रा कर रहे है।
किसान नेताओं की जागरूक नागरिकों के साथ एक बड़ी बैठक का आयोजन बैंगलोर में ऐक्य होरता समिति द्वारा किया गया जिसमें सयुंक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेताओं ने भी भाग लिया।
आज बिहार में लगभग 20 से ज्यादा जिलों में अनिश्चितकालीन धरना बड़ी जनसभाओं और किसान रैलियों के साथ संपन्न हुआ। अब, किसान पंचायतों के आयोजन के लिए गांवों में जाएंगे और 18 जनवरी, 23 वें और 26 वें कार्यक्रमों के लिए और 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर मानव श्रृंखला के लिए जुटेंगे। ये सभी कार्यक्रम अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले हुए थे।
जैसा कि पहले बताया गया है, केरल के लगभग 1000 किसानों ने केरल संघम (एआईकेएस) शाहजहांपुर विरोध स्थल में शामिल होने के लिए केरल से पूरे 3000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की है।
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता में, ओडिशा के गंजम जिले में ओडिशा कृषक सभा (एआईकेएस) द्वारा प्रदर्शन किए गए। ओडिशा से दिल्ली के लिए रवाना हुई किसान चेतना यात्रा का बिहार में जोरदार स्वागत हुआ।
मज़दूर किसान शक्ति संगठन (MKSS) के नेतृत्व में राजस्थान के किसान और मज़दूर शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुँच गए हैं। किसानों के मुद्दों को संबोधित करने के साथ साथ, MKSS के कार्यकर्ता आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम के हानिकारक प्रभावों को आम जनता को समझा रहे है।
*डॉ दर्शन पाल*
*संयुक्त किसान मोर्चा