खेती के कारपोरेटीकरण के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तानी किसानों को समर्थन

 प्रेस रिलीज 

10 अप्रैल 2025

खेती के कारपोरेटीकरण के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तानी किसानों को साउथ एशिया के किसान संगठनों का समर्थन 

साउथ एशिया पीजेंट्स फेडरेशन (एस ए पी एफ) ने खेती के कारपोरेटीकरण के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तानी किसानों को समर्थन व्यक्त किया है. एस ए पी एफ के अध्यक्ष प्रेम दंगाल और महासचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने एक संयुक्त बयान जारी कर खेती के कारपोरेटीकरण और जमीनों से किसानों की बेदखली के खिलाफ 13 अप्रैल को पाकिस्तान के किसानों के प्रस्तावित आंदोलन को समर्थन व्यक्त किया है. एस ए पी एफ ने अमेरिका द्वारा छेड़े गए टैरिफ़ वार के दौर में साउथ एशिया की सरकारों से डब्ल्यू टी ओ से बाहर आने और दक्षिण एशिया के देशों के बीच मित्रता व व्यापार को सुगम बनाने की भी अपील की है.

साउथ एशिया पीजेंट्स फेडरेशन ने पाकिस्तान सरकार से डब्ल्यू टी ओ के दबाव में ग्रीन पाकिस्तान इनीशियेटिव (GPI) के नाम पर खेती के कारपोरेटीकरण की योजना से पीछे हटने और पाकिस्तान में छोटी-मझोली खेती को संरक्षण देने की मांग की है. एस ए पी एफ ने पाकिस्तान में गरीब किसानों को उनकी जमीनों से बेदखल करने की कार्यवाही रोकने और उन्हें जमीनों का मालकाना हक देने की मांग है.

एस ए पी एफ ने कहा है कि कारपोरेट और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की नजर साउथ एशिया की कृषि और कृषि बाजार पर है. इसे कब्जाने के लिए वे अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के जरिये हमारी सरकारों पर दबाव देकर शर्तें थोप रहे हैं. हमारी सरकारों को अपने देश की खेती- किसानी के पक्ष में खड़े होने, बाजार की मांग पर खेती का उत्पादन करने के बजाए अपनी आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने करने के लिए कृषि के विकास कि राणनीति बनानी चाहिए.

साउथ एशिया की सरकारों को "खेती के कारपोरेटीकरण" के खिलाफ "को-आपरेटिव खेती" के मॉडल को स्थापित कर अपनी खाद्य सुरक्षा और छोटे-मझौले किसानों की रक्षा की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाने की जरूरत है. 

एस ए पी एफ नेताओं ने कहा कि साउथ एशिया क्षेत्र की सरकारों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा आज भी कृषि और उसके सहायक रोजगार पर निर्भर है. वैश्विक आर्थिक संकट और कोविड संकट के समय हमारी यही ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमारा मजबूत संबल बन कर खड़ी होती है.

प्रेम दंगाल 

(नेपाल)

अध्यक्ष 


पुरुषोत्तम शर्मा 

(भारत)

महासचिव